एक उग्र 19 वर्षीय लोमडी, उत्सुक और वासना से भरी हुई, आत्म-आनंद में लिप्त है, उसकी उंगलियां उसके गीले, रसीले सिलवटों की खोज कर रही हैं। जब वह चरम पर चढ़ती है तो उसकी कोमल कराहें कमरे को भर देती हैं, जिससे उसकी अतृप्त इच्छाओं का कोई संदेह नहीं रह जाता है।.