एक आकर्षक प्रलोभिका, एक मात्र किशोरी, एक वृद्ध, अनुभवी प्रेमी के अनुभव के लिए तड़प रही है। उसका युवा आकर्षण निर्विवाद है, उसकी इच्छा अतृप्त है। वह उसकी मर्दानगी का स्वाद चाहती है, उसके होंठ उसे एक गहरी, भावुक चुंबन में उत्सुकता से ढँकते हैं। उसकी आँखें, लालसा से भरी हुई, और अधिक माँगती हैं क्योंकि वह उत्सुकता से उसे अंदर ले जाती है, उसकी पेशकश के लिए भूखी गले में। पीछे से ले जाते समय उसकी पीठ पर मेहराब, कमरे में गूंजती उसकी खुशी की कराहें। वह नियंत्रण लेती है, उसकी मिठास उसे जंगली बना देती है। उनके जुनून का चरमोत्कर्ष उसे अपने सार से चिह्नित करता है, उनकी अंतरंग मुठभेड़ का एक वसीयतनामा है। यह एक युवावस्था और अनुभव के साथ आने की कहानी है, जितनी पुरानी समय हो उतनी ही पुरानी नृत्य।.